बिहार में जल्द होगी 'नदी जोड़ो योजना' की शुरुआत, बाढ़ की समस्या से मिलेगी निजात!
Bihar News:
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि बिहार सरकार जल्द अब अपने दम पर कुछ छोटी नदियों को आपस में जोड़ने की कोशिश शुरू कर रही है. शुरुआत में उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की एक-एक नदी से इसकी शुरुआत हो सकती है
पटना:- नेपाल से निकलने वाली नदियों के पानी से हर साल बिहार (Bihar) के कई जिले तबाह होते हैं. बिहार सरकार केंद्र से लगातर आग्रह कर रही है कि वो नेपाल सरकार से बातचीत कर कोशी और गंडक नदी से होने वाली तबाही को रोकने के लिए हाई डैम (High Dam) बनवाए. लेकिन नेपाल सरकार के जिद की वजह से हाई डैम का काम शुरू नहीं हो पाया है. इस वजह से उतर बिहार के कई जिलों को हर साल बाढ़ की त्रासदी (Flood In Bihar) झेलना पड़ता है. मगर अब बिहार सरकार (Bihar Government) ने अपने बूते बड़ी पहल शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है.
क्यों नहीं हो रहा बिहार में बाढ़ का समाधान
सब जानते हैं कि नेपाल के पहाड़ों से आने वाली नदियां बिहार में तबाही मचाती हैं. तो क्या भारत और नेपाल, दोनों ही इसके समाधान के प्रति उदासीन हैं?
तभी तो नेपाल के बराह क्षेत्र में बांध निर्माण के लिए सर्वे का काम आज भी दोनों ही देशों की सरकारों के उदासीन रवैये के कारण अटका पड़ा है. नेपाल के साथ साथ भारत की केन्द्र सरकार भी इसके निर्माण में दिलचस्पी नहीं दिखा रही. एक तरफ बाढ़ की परियोजनाएं अधूरी पड़ी हुईं हैं तो नदियों को जोड़ने की योजनाएं भी धरातल पर नहीं उतर सकीं हैं. कइयों को तो अभी केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है. आजादी के बाद से ही हर साल बिहार बाढ़ की विभीषिका से जूझता रहा है. इस बार भी एनडीआरएफ की सात और एसडीआरएफ की नौ टीमें 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा चुकी है. करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
बिहार भारत का सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य है. देश की कुल बाढ़ प्रभावित आबादी में 22.1 प्रतिशत हिस्सा बिहार का ही है. बिहार के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 73.06 फीसदी इलाका बाढ़ की मार झेलने को विवश है. बिहार में देश के अन्य बाढ़ प्रभावित राज्यों की तुलना में नुकसान ज्यादा होता है. राष्ट्रीय बाढ़ आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 16.5 प्रतिशत बिहार में है लेकिन इससे नुकसान 22.8 प्रतिशत का है.
वहीं यूपी में 25 फीसदी बाढ़ प्रभावित इलाके हैं लेकिन नुकसान सिर्फ 14.4 प्रतिशत का है. बिहार सरकार 1979 से बाढ़ के आंकड़े प्रकाशित करती आई है और तबसे अब तक बाढ़ से लगभग 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले पांच साल से हर साल औसतन राज्य के 19 जिलों में बाढ़ आती है और इस दौरान करीब 130 करोड़ की निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है.
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thanks for comment bro